जज़्बातों का दरिया, लफ़्ज़ों के लिबास.....
मैं बस अहसास लिखती हूँ। शब्द महज़ लिबास भर हैँ।
Saturday, December 7, 2019
धुंधली तस्वीरें भाती हैं मुझे
पता है क्यूँ
भरी आँखों की तासीर लिए होती हैं...
(आरती)
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment