जज़्बातों का दरिया, लफ़्ज़ों के लिबास.....
मैं बस अहसास लिखती हूँ। शब्द महज़ लिबास भर हैँ।
Monday, August 19, 2019
पींग
दोनों साथ चल रहे थे
तीसरा कोई नहीं था
तलवों की थिरकन के साथ
एक हाथ छू जाता दूसरा हाथ
आसमां तक जाती मन की पींग
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आरती
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