प्रेम
उसके इंतज़ार में भीग जाना
बारिश का सूखा रह जाना
प्रेम
उसे बेतरह याद करना
उसकी मीठी हिचकियाँ सुनना
प्रेम
उसकी अदृश्य हथेली पर अपनी हथेली रखना
तक़दीरों को घुलते देखना
प्रेम
उसकी अनकही कतरनें चुनना
बेतरतीब साँचे से वो ढाई अक्षर बुनना……
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आरती
उसके इंतज़ार में भीग जाना
बारिश का सूखा रह जाना
प्रेम
उसे बेतरह याद करना
उसकी मीठी हिचकियाँ सुनना
प्रेम
उसकी अदृश्य हथेली पर अपनी हथेली रखना
तक़दीरों को घुलते देखना
प्रेम
उसकी अनकही कतरनें चुनना
बेतरतीब साँचे से वो ढाई अक्षर बुनना……
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आरती
प्रेम
ReplyDeleteकुछ भी
या सब कुछ :)