तेरे सिरहाने डारूँ लोरी के लच्छे
मीठे किस्सों के गाँव रे
अखियों में मेरी आ के तू सो जा
इतनी अरज मोरी तू सुन जा
ओ रे पगले…
मोरे पगले…
छोटी-सी तेरी अखियों की डिबिया
डिबिया में जागे रात रे
रात की रानी खिड़की पे तेरे आ के धरूँ ओ राँझा
इतनी अरज मोरी तू सुन जा
ओ रे पगले…
मोरे पगले…
चाँद की चांदी तेरे बिछोने
बिछाने आया देख चाँद रे
जलते-बुझते तेरी पलकों के जुगनू
मुट्ठी में अपनी बंद मैं कर लूँ
कोरी अखियों की जेबों में खोलूं
मिसरी से सपनों का खाता
इतनी अरज मोरी तू सुन जा
ओ रे पगले…
मोरे पगले…
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आरती
मीठे किस्सों के गाँव रे
अखियों में मेरी आ के तू सो जा
इतनी अरज मोरी तू सुन जा
ओ रे पगले…
मोरे पगले…
छोटी-सी तेरी अखियों की डिबिया
डिबिया में जागे रात रे
रात की रानी खिड़की पे तेरे आ के धरूँ ओ राँझा
इतनी अरज मोरी तू सुन जा
ओ रे पगले…
मोरे पगले…
चाँद की चांदी तेरे बिछोने
बिछाने आया देख चाँद रे
जलते-बुझते तेरी पलकों के जुगनू
मुट्ठी में अपनी बंद मैं कर लूँ
कोरी अखियों की जेबों में खोलूं
मिसरी से सपनों का खाता
इतनी अरज मोरी तू सुन जा
ओ रे पगले…
मोरे पगले…
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आरती