जज़्बातों का दरिया, लफ़्ज़ों के लिबास.....
मैं बस अहसास लिखती हूँ। शब्द महज़ लिबास भर हैँ।
Monday, August 1, 2016
बेपर चिड़िया है प्रेम
कोरे कैनवस पर उड़ती
बेपर चिड़िया है प्रेम
जिसके लिए उसका कोरापन ही
एक मुकम्मल पेंटिंग है...
(
आरती)
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)