अक्सर किसी ठोस आवरण के नीचे
छिपी होती हैं कोई बेहद मख़मली चीज़
छिपी होती हैं कोई बेहद मख़मली चीज़
किसी स्मृति चिन्ह की तरह अंकित
उस व्यक्ति का प्रेम जो रह गया हो अबोला
उस व्यक्ति का प्रेम जो रह गया हो अबोला
जिसे पीड़ा के अव्यक्त क्षणों में
संकुचित कर भरने दिया हो भीतर ही भीतर
संकुचित कर भरने दिया हो भीतर ही भीतर
प्रतीक्षा की सभी सीमाओं के पार
एक अनदेखी शाम जहाँ गिरती हो
एक अनदेखी शाम जहाँ गिरती हो
क्षितिज का वो आख़री छोर
जहाँ सत्य अर्धसत्य के बीच के भ्रम टूटते हों
जहाँ सत्य अर्धसत्य के बीच के भ्रम टूटते हों
वहाँ एक विशाल शिला के पीछे
आज भी उगता है किसी के हिस्से का वो
अबोला अंश
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आरती
आज भी उगता है किसी के हिस्से का वो
अबोला अंश
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आरती