ठहरे पानी में
उँगलियाँ फिरा देने से
नहीं टूटता मौन
उँगलियाँ फिरा देने से
नहीं टूटता मौन
अनगिनत समंदर भी
नहीं माप सकते
प्रेम की गहराई को
नहीं माप सकते
प्रेम की गहराई को
तुम्हारे नाम के तीन अक्षर
मेरे लिए प्रेम का विस्तार हैं
छोटे-से ख़ाके में सिमटी हुई सृष्टि है
मेरे लिए प्रेम का विस्तार हैं
छोटे-से ख़ाके में सिमटी हुई सृष्टि है
मेरा लिखा मुक़म्मल नहीं
प्रेम पर कुछ भी लिखा मुक़म्मल नहीं
जब तक वो छू न पाए
तुम्हारे अंतस को…
---------------
आरती
प्रेम पर कुछ भी लिखा मुक़म्मल नहीं
जब तक वो छू न पाए
तुम्हारे अंतस को…
---------------
आरती