जज़्बातों का दरिया, लफ़्ज़ों के लिबास.....
मैं बस अहसास लिखती हूँ। शब्द महज़ लिबास भर हैँ।
Thursday, May 30, 2013
वक्त के पायदान से लुढ़का हूँ मैँ,
फिर अतीत की गोद मेँ झूल जाना है मुझे..
-आरती
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